PNB Bank Home Loan EMI: घर का सपना पूरा करने के लिए जब भी कोई व्यक्ति होम लोन लेने की सोचता है, तो सबसे पहला सवाल यही होता है कि लोन पर हर महीने कितनी EMI देनी होगी। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ग्राहकों को होम लोन की सुविधा 10 साल जैसी लंबी अवधि के लिए भी देता है, जिस पर ब्याज दर 8.50% सालाना तक लगती है।
इस दर से EMI का कैलकुलेशन करने पर आपको साफ अंदाजा हो जाएगा कि अलग-अलग लोन अमाउंट पर कितनी किस्तें बनेंगी और पूरी अवधि में कुल कितना ब्याज चुकाना होगा।
EMI का फॉर्मूला कैसे काम करता है
होम लोन की EMI निकालने के लिए एक तयशुदा फॉर्मूला होता है जिसमें लोन की राशि, ब्याज दर और समयावधि को शामिल किया जाता है। ब्याज दर को सालाना से मासिक दर में बदला जाता है और उसके बाद गणना की जाती है। इसी आधार पर यह तय होता है कि किस अमाउंट पर कितनी ईएमआई बनेगी और कुल भुगतान कितना होगा।
10 लाख के लोन पर कैलकुलेशन
अगर कोई व्यक्ति PNB से 10 लाख रुपए का होम लोन 10 साल के लिए लेता है और ब्याज दर 8.50% सालाना लगती है, तो इस स्थिति में उसकी मासिक EMI करीब 12,400 रुपए बैठेगी। यानी पूरे 10 सालों में उसे कुल 14.88 लाख रुपए चुकाने होंगे, जिसमें से 10 लाख रुपए मूलधन होगा और बाकी लगभग 4.88 लाख रुपए ब्याज के रूप में देना होगा।
छोटे और बड़े लोन पर EMI का अंदाजा
अगर आप 5 लाख रुपए का लोन लेते हैं तो 10 साल के लिए आपकी मासिक EMI लगभग 6,200 रुपए होगी। इसी अवधि में आपको करीब 7.44 लाख रुपए चुकाने होंगे, यानी 2.44 लाख रुपए ब्याज में जाएंगे। वहीं अगर 15 लाख का लोन लेते हैं तो EMI लगभग 18,600 रुपए बनेगी और पूरे 10 सालों में करीब 22.32 लाख रुपए का भुगतान करना होगा, जिसमें 7.32 लाख रुपए ब्याज होगा। इसी तरह 20 लाख रुपए के लोन पर EMI लगभग 24,800 रुपए रहेगी और कुल भुगतान करीब 29.76 लाख रुपए होगा, जिसमें 9.76 लाख रुपए सिर्फ ब्याज के रूप में देने पड़ेंगे।
PNB होम लोन क्यों बेहतर है
PNB का होम लोन ग्राहकों के बीच इसलिए लोकप्रिय है क्योंकि इसमें ब्याज दरें प्रतिस्पर्धी रहती हैं और लोन अवधि लचीली होती है। ग्राहक अपनी सुविधा और क्षमता के हिसाब से EMI तय कर सकते हैं। इसके अलावा बैंक कई बार स्पेशल ऑफर भी लेकर आता है जिससे ब्याज दरों में थोड़ी राहत मिल जाती है।
लोन लेने से पहले जरूरी बातें
लोन लेने से पहले यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि आपकी मासिक आय का एक संतुलित हिस्सा ही EMI में जाए। कोशिश करें कि आपकी आय का 40 से 45 प्रतिशत से ज्यादा EMI में खर्च न हो, वरना बाकी खर्चों पर असर पड़ सकता है। साथ ही लोन राशि तय करते समय भविष्य की आर्थिक योजनाओं और बचत को भी ध्यान में रखना चाहिए ताकि लंबे समय तक किस्त भरना आपके लिए मुश्किल न हो।